मीडिया का नायक (Choice of media): गिरीश मालवीय

ये बात मई यहाँ इसलिए कॉपी और पेस्ट कर रही हु ताकि इसमें छिपे प्रश्नो पर हम सब मिलकर गौर कर सके और इन सब हरकतों के पीछे के नाटक को समझ कर सजग हो सके.

“एक है शरजील इमाम ओर एक है अखिल गोगोई, दोनों का ही ताल्लुक CAA के विरोध से है लेकिन मीडिया नायक बनाएगा शरजील इमाम को!…….

Why ऐसा क्यो? …….कभी सोचा है आपने!…..

बहुत से मित्रों ने अखिल गोगोई का नाम भी नही सुना होगा लेकिन शरजील इमाम का नाम सबने सिर्फ एक दिन में सबने सुन लिया! …….

अच्छा एक बात और ध्यान दीजिए…. बड़ी गहरी बात है शरजील इमाम शहीन बाग के सूत्रधार है……… क्या कभी किसी न्यूज़ चैनल ने, किसी न्यूज़ वेबसाइट ने यह लिखा कि अखिल गोगोई असम में CAA/CAB के खिलाफ आंदोलन के सूत्रधार है?……..

नही कहा ! …….क्योंकि CAA का विरोध में चल रहे आंदोलन को मुस्लिम आंदोलन दिखाना है इसलिए चेहरा तो मुस्लिम ही होना चाहिए,

पूर्वोत्तर से हमे नायक नही चाहिए ! हिन्दू नाम वाला तो बिल्कुल नही चलेगा ..सेंसर कर दो उसको

नायक यही का चाहिए, लोकल चाहिए, चेहरा मुस्लिम ही चाहिए, पढ़ा लिखा, जेएनयू वाला, दाढ़ी वाला ही चाहिए , अब वो मदरसे का सफेद दाढ़ी वाला मौलाना नुमा चेहरा नही चाहिए ….बिल्कुल फ्रेश चेहरा चाहिए………

जबकि अखिल गोगोई जिस कैलिबर के नेता है ,इस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध उन्होंने जिन शब्दों में किया है उसके सामने तो शरजील इमाम की बातों की कोई तुलना ही नही है ….वह नोसिखिया है ………लेकिन मीडिया हाइप शरजील इमाम को देगा… आखिर क्यों?

अच्छा एक बात बताइये जिस वीडियो की बात की जा रही है शरजील ने वह भाषण अलीगढ़ में कई दिन पहले दिया था लेकिन इस भाषण को सामने लेकर के कौन आया?

खबर है कि सबसे पहले इस वीडियो को संबित पात्रा ने ट्वीटर पर डाला और उसके कुछ ही घण्टे बाद यह वाइरल हो गया……… अगर यह भाषण देशविरोधी है तो ऐसे देश विरोधी भाषण को प्रचारित प्रसारित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी तो संबित पात्रा की है, सबसे पहले तो ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट को वायरल करने के लिये संबित पात्रा पर ही देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए………..

वो होगा नही! , कोई इसकी बात भी नही करेगा यह वर्जित विषय है,….. आगे बढ़ते है…

आप भूल गए होंगे……. लेकिन ज्यादा पुरानी बात नही है पिछले महीने की ही बात है कि एक दिन खबर आई कि हैदराबाद की एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ और उसके बाद उसे मार दिया गया पुलिस पर दबाव था उसने कुछ ही दिनों में इस केस में चार लोगो को गिरफ्तार किया जिसमे एक मुस्लिम था……. लेकीन यह बात चंद ही घण्टो वायरल हो गयी कि लड़की से रेप करने वाले मुसलमान थे और यह ट्वीट किया किसने ? ……बीजेपी के आई टी सेल के हेड ने……..अच्छा, फिर से ध्यान दीजिए मीडिया ने इन 4 लोगो मे सूत्रधार किसको बनाया……. मुस्लिम को…….नतीजा क्या हुआ…….. कुछ दिन बाद पुलिस उन चार लोगों को सुबह सुबह घटनास्थल पर ले गई और तथाकथित रूप से वो भागने लगे पुलिस ने उन चारो पर गोलियां चला दी, मीडिया में सोशल मीडिया पर पुलिस की वाहवाही हो गयी गोली चलाने वाले को आपने सिंघम बना दिया गया…….जबकि वह चार लोग महज आरोपी थे उन पर दोष सिद्ध नही हुआ था उन पर आरोपी होने का संदेह था……लेकिन जिस दिन वह मारे गए, बदला बदला चिल्लाने वाला एक एक आदमी खुश था, यहाँ तक कि बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय भी खुश था, बड़े बड़े साहित्यकार बावले पिल्ले की तरह उछल रहे थे…….

शरजील वाली इस ताजी घटना ओर हैदराबाद रेप वाले मामले से एक बात सिद्ध हो जाती है कि देश मे एक पार्टी विशेष के पास एक बेहद भयानक ताकत है वह है किसी घटना को एक विशेष एंगल देकर मीडिया ओर सोशल मीडिया के जरिए वायरल करा देने की ताकत……

आज शहीन बाग जैसे देश के विभिन्न शहरों कस्बों में 120 जगहों पर धरना प्रदर्शन चल रहे हैं लोग आ रहे है उन सभाओं में सम्मिलित हो रहे हैं भाषण दे रहे हैं महीना भर होने को आया है…….. मोटे तौर पर देखा जाए तो 40 से 50 हज़ार लोगो ने इन सभाओं में भाषण दिए होंगे तो इसमे से एक आदमी शरजील इमाम निकल आया तो कौन सी बड़ी बात हो गयी?, ………आपने उन 40 से 50 हजार लोगों ने जो भाषण दिए वो कभी दिखाए? …….उसमे जो हिंदुस्तान जिंदाबाद नारे लगाए वो दिखाए ?……….क़ौमी एकता की बाते की, गंगा जमुनी तहजीब की बाते की वो आपने कभी बताई?…….. नही बताई!

आपने सिर्फ शरजील ईमाम की बात को वायरल किया क्योंकि वह आपके एजेंडे को सूट करता है……

इस खेल के सब शिकार है मैं भी,ओर आप भी!, हम चाहे या न चाहे हमे बार बार उस पिच पर खेलते है जिस पर वो चाहते हैं, ऐसा नही है कि इनकी चालों का हमे जवाब देना नही आता पर हमारे पास वो ताकत नही है ……जो उनके पास है……
एक बार फिर…….”

‘मेरे मुखालिफ़ ने चाल चल दी है
और अब मेरी चाल के इंतेज़ार में है’- Jawed Akhtar

Credit: Girish Malviya की वाल से।

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